प्रभारी रेंजर के भरोसे चल रहा है बिलाईगढ़ वन विभाग । वन रक्षक बने भक्षक वन्य प्राणी नील गाय की हत्या ।

बिलाईगढ़– हम बात कर रहे हैं वन परिक्षेत्र बिलाईगढ़ की जहां स्वतंत्र रेंजर नहीं होने के कारण प्रभारी रेंजर के भरोसे चल रहा है बिलाईगढ़ वन परिक्षेत्र प्रभारी रेंजर को जानकारी का अभाव के कारण अनेक प्रकार की घटनाएं दुर्घटनाएं वन विभाग में चल रहा है, वहीं प्रभारी रेंजर मोहम्मद आसिफ खान के संरक्षण में सभी वन रक्षक अपने मुख्यालय में नहीं रहते है। जिसके कारण आए दिन ग्रामीण हाथी एवं भालू की शिकार हो रहे हैं, कई ग्रामीण तो मौत के भी शिकार हो चुके हैं वही ग्रामीणों का कहना है कि वनरक्षक अपने मुख्यालय में नहीं रहते हैं जिसके कारण हम ग्रामीण को जानकारी नहीं हो पाती जिसके कारण हम लोग मौत के शिकार हो जाते हैं आखिर ऐसा स्थिति कब तक बने रहेगी।
वही ग्रामीणों ने वन रक्षा एवं वन्य प्राणी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रभारी रेंजर मोहम्मद आसिफ खान एवं डिप्टी रेंजर मोतीराम सिदार व वनरक्षक गोपाल देवागन की काली करतूत को सामने लाया है। एवं लिखित शिकायत कर उच्च अधिकारी को अवगत कराया है जिसमें शिकायतकर्ता ने SR NEWS को जानकारी देते हुए बताया है कि परिसर रक्षी गोपाल प्रसाद देवागन एवं डिप्टी रेंजर मोतीराम सिदार के द्वारा बीते माह 29/5/2024 को कक्ष क्रमांक 409 RF गुप्ता खदान की धरा में मृत पड़ा एक नाग नीलगाय को विधिवत कार्यवाही ना करते हुए और ना ही पोस्टमार्टम करवाते हुए अपने कलम बचाने के लिए सुरक्षा श्रमिकों के द्वारा जलवा दिया गया।
जिसको मौके पर आनंद राम साहू सूतीउरकुली और डीगेशवर टंडन ,जीजोधन भायना ग्राम छुइहा ने अपने आंखों से देखा जिसमें नीलगाय को ट्रैक्टर में रखा गया था और नीलगाय पूरी तरह से सड़ के गल चुका था ।जिसका फोटो ग्राफ्स वन रक्षक गोपाल देवांगन ने रखा था और गलती से सभी के मोबाइल में वायरल कर दिए इसके बाद पेट्रोल डालकर जला दिए। वन विभाग की काली करतूत को ग्रामीणों ने देख लिए। साथ ही साथ इन लोगों कि काली करतूत को उजागर करने एवं कार्यवाही की मांग को लेकर लिखित शिकायत भी किया। परंतु आज पर्यंत तक कार्रवाई नहीं हुई ।
नाराज ग्रामीणों ने DFO कार्यालय में भी लिखित शिकायत करते हुए हमारे SR NEWS से खबर प्रशासन की मांग किया गया । जिसके बाद SR NEWS ने प्रभारी रेंजर मोहम्मद आप आसिफ खान से उनके मुख्यालय में पहुंचकर जानकारी लेना चाहा लेकिन जानकारी देना उचित नही समझा। आखिर वनरक्षक वन्य प्राणियों की हत्या करने में माहिर रहेंगे तो वन एवं वन्य प्राणी की रक्षा कौन करेगा । अब देखना यह होगा कि खबर प्रशासन के बाद क्या बड़ी कार्यवाही करते हैं। या ऐसे ही जंगल राज चलता रहेगा देखने वाली बात होगी।