लोकसभा चुनाव 2024 हलचल:- राजनीतिक दलों के साथ प्रत्याशी कर रहे अपने अपने दावेदारी शुरू । महासमुंद क्षेत्र से भावगत साहू कर रहे दावेदारी।
रायपुर ब्यूरो- लोकसभा चुनाव के नजदीक आने के साथ ही नेता- सांसदों ने भी हाथ पैर मारने शुरू कर दिए हैं। मौजूदा पार्टी में टिकट न मिलने की स्थिति में अन्य दल के साथ चुनाव लड़ने के लिए तैयारी चल रही है। भाजपा इस लोकसभा चुनाव में कई सांसदों की अलग- अलग वजहों से टिकट काट सकती है। ऐसे में तैयरी दूसरी तरफ से भी है।
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव की गर्मी धीरे- धीरे बढ़ने लगी है। भले अभी लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल न बजा हो, लेकिन राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियों को धार देना शुरू कर दिया है। वहीं, राजनीतिक पार्टियों का इस समय सबसे ज्यादा फोकस अब लोकसभा चुनाव बन गया है।
महासमुंद लोकसभा सीट से भागवत साहू कर रहे है दावेदारी।
आपको बता दे कि छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव के लिए अभी से नेता प्रत्याशी लग गए है इसी कड़ी में भागवत साहू महासमुंद लोकसभा सीट से अपना दावेदारी कर रहे है ,आपको बता दे कि भागवत साहू माध्यम परिवार से आते है।
वही भागवत साहू इससे पहले बूथ अध्यक्ष , जोन प्रभारी,सेक्टर प्रभारी,बिलाईगढ़ इंटक कांग्रेस अध्यक्ष , बिलाईगढ़ युवा कांग्रेस अध्यक्ष, जिला महासचिव ,दो बार ब्लाक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष बिलाईगढ़, साहू समाज बिलाईगढ़ युवा ब्लाक अध्यक्ष अनेको पदों में रहे है। आपको बता दे कि साहू समाज मे युवा चेहरा के रूप में बडे नाम जाने जाते है। साथ ही जनताओं से मृदुल भाषी लोगो से मिलनसार साथ ही नगर सहित क्षेत्र के राजनीतिक चुनाव में इनका बड़ा हाथ रहता आ रहा है।
अपनी राजनीतिक नैया पार लगाने के लिए नेताओं ने भी अभी से हाथ- पैर मारने शुरू कर दिए हैं।
छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव नजदीक आने के साथ सभी पार्टी अपनी राजनीतिक नैया पार लगाने के लिए नेताओं ने भी अभी से हाथ- पैर मारने शुरू कर दिए हैं। नेता और सांसद मौजूदा पार्टी में रहकर टिकट बचाने के लिए दिल्ली तक दिन- रात एक करने में लग गए है। पार्टियां भी हर एक सीट पर जातीय और सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए उम्मीदवार के चयन पर मंथन कर रही है।
यहां तक कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस में विधानसभा चुनाव हारने के बाद अब लोकसभा चुनाव जीतने की पूरी तैयारी जोरशोर से लग गए है। कांग्रेस प्रत्याशी के चयन के लिए इंटरनल सर्वे भी कराया जा रहा है। उधर टिकट न मिलने की स्थिति को देखते हुए नेता, सांसद विकल्प तैयार कर रहे हैं।
अन्य राजनीतिक दलों के संपर्क में भी अभी से बताए जाने लगे हैं। इस भागदौड़ में सत्ताधारी पार्टी के सांसद और नेता भी शामिल बताए जा रहे हैं। कांग्रेस के नेता में बगावत की एक मुख्य वजह विपक्षी दलों का एकजुट होने से ताकत भी मानी जा रही है।